हवा का झोका
शीर्षक - हवा का झोका
हवा का झोंका है " दिल "
जो गुजर जाएगा
खामोशी से आपके दिल
में उतर जाएगा ।
वो हवा का झोंका आया
भीनी भीनी सी खुशबु
और तेरे होने का अहसास जगाया ।
चाहत थी तुझे देखने की ,
पर हो ना सका ये सच ।
अचानक होने लगा मुझे
तेरे होने का एहसास ।
यह मेरा भ्रम है या
तू ही है मेरे आसपास ।
यह हवाओं का धीरे से चलना
यूं फूलों का खुशबू फैलाना ।
सच में तू ही है यहां
यहां तेरा ही है आना जाना ।
आज मेरी यादों में एक
हवा के झोंके की तरह है तू ।
पता ही नहीं चला तू कब आई
और झोंके की तरह चली गई ।
और सब के दिल को हिला कर चली गई ।
अंजू सिहं दिल्ली
Shashank मणि Yadava 'सनम'
18-Nov-2023 07:51 AM
सुन्दर सृजन
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Reena yadav
17-Nov-2023 06:25 PM
👍👍
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Zakirhusain Abbas Chougule
17-Nov-2023 06:02 PM
Nice
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