Anju singh

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हवा का झोका




शीर्षक - हवा का झोका
हवा का झोंका है " दिल "
जो गुजर जाएगा
खामोशी से आपके दिल
में उतर जाएगा ।
वो हवा का झोंका आया
भीनी भीनी सी खुशबु
और तेरे होने का अहसास जगाया ।
चाहत थी तुझे देखने की ,
पर हो ना सका ये सच ।
अचानक होने लगा मुझे
तेरे होने का एहसास ।

यह मेरा भ्रम है या 
तू ही है मेरे आसपास ।
यह हवाओं का धीरे से चलना
यूं फूलों का खुशबू फैलाना ।
सच में तू ही है यहां
यहां तेरा ही है आना जाना ।

आज मेरी यादों में एक 
हवा के झोंके की तरह है तू ।
पता ही नहीं चला तू कब आई
और झोंके की तरह चली गई ।
और सब के दिल को हिला कर चली गई ।

                   अंजू सिहं दिल्ली



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4 Comments

सुन्दर सृजन

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Reena yadav

17-Nov-2023 06:25 PM

👍👍

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Zakirhusain Abbas Chougule

17-Nov-2023 06:02 PM

Nice

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